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मेमरी कार्ड खराब होने से बचीए और गुगल ड्राइव्‍ह का इस्‍तेमाल किजीए - क्‍लाउड मेमरी

गूगल ड्राइव गूगल के द्वारा दी गयी सर्विस है जिसके द्वारा आप इन्टरनेट पर अपनी जरूरी चीजो को सेव कर सकते है और अपनी फाइल को बिना पेन ड्राइव की मदद से किसी से भी शेयर कर सकते है। आपको बार-बार अपनी किसी फाइल शेयर करने के लिए पेन ड्राइव की जरूरत नही पड़ेगी।   आजकल सभी कंपनी गूगल पर ही अपना ऑफिस वर्क करती है क्योकि गूगल ड्राइव में फाइल्स सेव रहती है और वह उन्हें बिना पेन ड्राइव के दूसरी जगह भेज सकते है। गूगल ड्राइव में आपको 15GB स्पेस फ्री मिलता है। जो कि आपके सामान्य कार्यो के लिए पर्याप्त है। गूगल ड्राइव सर्विस समय भी बचाती है। आप इसके द्वारा अपनी फाइल पर दूसरो के साथ मिलकर भी काम कर सकते हो। और आप अपनी फाइल को दुनिया के किसी भी कोने से किसी को भी शेयर कर सकते हो। सबसे पहले आप अपनी ईमेल आईडी में लॉग इन करें। वहां आपको मेन्यू बार में गो टू गूगल ड्राइव (Go To Google Drive)लिखा हुआ मिलेगा। उसको सेलेक्ट करें। आपको साइड में न्यू (New) ऑप्शन मिलेगा। उसको सेलेक्ट करें। अब आप जिस चीज को अपलोड करना चाहते है उसे सलेक्ट करें। आप चाहे तो फोल्डर ऑप्शन को सलेक्ट करके अपने नाम का नया फो

मेल किसे कहते है और जीमेल पे खाता कैसे खोले

ईमेल क्या है ईमेल की क्या आवश्यकता है और ईमेल एड्रेस क्या होता है :- इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail) को शोर्ट में ईमेल कहते है, कोई भी डाक या पत्र जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा गया हो उसे ईमेल कहा जाता है. डाक भेजने के तरीके से तो आप परिचित ही होंगे पहले आप कोई लिफाफा लेते है और एक कागज पर अपना पत्र लिखते है और उसे लिफाफे में बंद करके डाक खाने में जा के वह उसे डाल देते है और डाक विभाग उस पत्र को दिए गए पते पर पंहुचा देता है. लेकिन इसमें समय की बर्बादी टिकट का खर्चा और पत्र खोने का भी डर बना रहता है. ईमेल में न तो टिकट का खर्चा न डाक खाने जाने की जरुरत और न ही पत्र खोने का डर आप कुछ ही समय में दुनिया में कभी भी कही भी ईमेल भेज सकते है और यदि किसी ने आपको ईमेल भेजा है तो आप कुछ समय में उसे प्राप्त भी कर सकते है. और सबसे अच्छी बात ईमेल की सेवा बिलकुल मुफ्त (फ्री) होती है. ईमेल की क्या आवश्यकता है ? आजकल लगभग हर जगह ईमेल एड्रेस (Email Address) माँगा जाता है जैसे - यदि आप किसी बैंक में खता खोलना चाहते है या फिर मोबाइल का कनेक्शन लेना चाहते है या प्लेन की टिकट लेना चाहते है और

व्हाट्सऐप की सिक्योरिटी

टू-स्टेप वेरिफिकेशन फ़ीचर को कई महीनों तक टेस्ट करने के बाद व्हाट्सऐप ने जानकारी दी है कि इस फ़ीचर को एंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज प्लेटफॉर्म के सभी यूज़र के लिए रोल आउट किया जा रहा है। टू-स्टेप वेरिफिकेशन फ़ीचर के बाद यूज़र जब भी व्हाट्सऐप पर अपने फोन नंबर को रजिस्टर करते हैं तो 6 आंकड़ों वाले पासकोड की ज़रूरत पड़ेगी, जो इस फ़ीचर की मदद से बनेगा। । या फिर ऐप के ज़रिए कभी भी फोन नंबर को वैरिफाई करने की ज़रूरत हो। फ़ीचर को एंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज प्लेटफॉर्म के लिए किया गया रोलआउट अब यूज़र को 6 आंकड़ों वाले पासकोड की ज़रूरत पड़ेगी फ़ीचर को इस्तेमाल करने के लिए यूज़र को व्हाइसऐप के सेटिंग्स में जाना होगा इस वैकल्पिक सिक्योरिटी फ़ीचर को इस्तेमाल करने के लिए यूज़र को व्हाइसऐप के सेटिंग्स में जाना होगा। इसके बाद अकाउंट मे। फिर टू-स्टेप वेरिफिकेशन को इनेबल करना होगा। यह जानकारी कंपनी ने दी है। इस फ़ीचर को एक्टिव करने के बाद यूज़र को पासकोड बनाना होगा। और साथ में ईमेल एड्रेस भी देना होगा। पासकोड भूल जाने की स्थिति में रिकवरी के लिए ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल होगा। कंपनी ने इस फ़ी

डिजिटल सिग्नेचर के बारे मे जानिए

डिजिटल सिग्नेचर के बारे मे जानिए  जिस तरह आपके सामान्य दस्तखत आपकी पहचान को प्रमाणित करते हैं, उसी तरह डिजिटल सिग्नेचर का काम भी आपकी पहचान प्रमाणित करना ही है। बस फर्क यह है कि इंटरनेट के जरिये भेजे जाने वाले डॉक्युमेंट्स के मामले में इन सिग्नेचर का यूज होता है। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट सरकार की सर्टिफाइंग अथॉरिटी इश्यू करती है। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट डीएल जैसा कार्ड होता है। इस सर्टिफिकेट में आपकी पहचान साबित करने वाले डेटा होते हैं मसलन आपका नाम, ईमेल, अड्रेस आदि। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट एक इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट कार्ड की तरह है, जो बिजनेस करते समय या वेब पर कोई भी ट्रांजैक्शन करते हुए आपकी पहचान को स्थापित करता है। इस सिग्नेचर के साथ इंटरनेट के जरिये आप जो भी डॉक्युमेंट भेजते हैं, उसकी विश्वसनीयता बनती है। इस सिग्नेचर के साथ भेजे गए डॉक्युमेंट से भेजने वाला कभी इनकार नहीं कर सकता। यह साइन यह सुनिश्चित भी करता है कि अगर कोई डॉक्युमेंट एक बार डिजिटली साइन हो गया तो फिर उसमें कोई रद्दोबदल या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। कौन इशू करता है? भारत सरकार की आईटी मिनिस्ट्री मे

प्रिंटर - कंप्‍युटर का आऊटपुट डिवाइस

प्रिंटर एक ऑनलाइन आउटपुट डिवाइस (Online Output Device) है जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छापता है कागज पर आउटपुट (Output) की यह प्रतिलिपि हार्ड कॉपी (Hard Copy) कहलाती है कंप्यूटर से जानकारी का आउटपुट (Output) बहुत तेजी से मिलता है और प्रिंटर (Printer) इतनी तेजी से कार्य नहीं कर पाता इसलिये यह आवश्यकता महसूस की गयी कि जानकारियों को प्रिंटर (Printer) में ही स्टोर (Store) किया जा सके इसलिये प्रिंटर (Printer) में भी एक मेमोरी (Memory) होती है जहाँ से यह परिणामों को धीरे-धीरे प्रिंट करता हैं| “प्रिंटर (Printer) एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy) में परिवर्तित (Convert) करता हैं|” प्रिंटिंग विधि (Printing Method):- प्रिंटिंग (Printing) में प्रिंट करने की विधि बहुत महत्वपूर्ण कारक है प्रिंटिंग विधि (Printing Method) दो प्रकार की इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing)  तथा नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing) होती है| इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing):- Impact Printer वे प्रिंटर होते हैं जो अपना I

आउटपुट डिवाइस - कंप्‍युटर

Output Device (आउटपुट डिवाइस) आउटपुट डिवाइस (Output Device) हार्डवेयर (Hardware) का एक अवयव अथवा कंप्यूटर का मुख्य भौतिक भाग है जिसे छुआ जा सकता है, यह सूचना के किसी भी भाग तथा सूचना के किसी भी प्रकार जैसे ध्वनि (Sound), डाटा (Data), मेमोरी (Memory), आकृतियाँ (Layout) इत्यादि को प्रदर्शित कर सकता हैं आउटपुट डिवाइसो (Output Devices) में सामान्यतः मोनिटर (Monitor) प्रिंटर(Printer)  इयरफोन(Earphone) तथा प्रोजेक्टर(Projector) सम्मिलित है “वे उपकरण जिनके द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों को प्राप्त किया जाता है आउटपुट डिवाइसेज कहलाते हैं” आउटपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है | मॉनीटर (Monitor) प्रिंटर (Printer) प्लोटर (Plotter) प्रोजेक्टर (Projector) साउंड कार्ड (Sound Card) इअर फोन(Ear phone) मॉनीटर(Monitor:- मॉनीटर(Monitor) एक ऐसा आउटपुट संयंत्र (Output Device) है जो टी.वी. जैसे स्क्रीन पर आउटपुट को प्रदर्शित करता है इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit) भी कहते है मॉनीटर (Monitor) को सामान्यतः उनके द्वारा प्रदर्शित रंगों के आधार पर तीन भागो

कंप्‍युटर के इनपुट डिवाइस

Input Device वे Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं इनपुट डिवाइस कंप्यूटर तथा मानव के मध्य संपर्क की सुविधा प्रदान करते हैं| Computer में कई Input Device होते है ये Devices Computer के मस्तिष्क को निर्देशित करती है की वह क्या करे? Input Device कई रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशिष्ट उद्देश्य है टाइपिंग के लिये हमारे पास Keyboard होते है, जो हमारे निर्देशों को Type करते हैं| “Input Device वे Device है जो हमारे निर्देशों या आदेशों को Computer  के मष्तिष्क, सी.पी.यू. (C.P.U.) तक पहुचाते हैं|” Input Device कई प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है –     Keyboard     Mouse     Joystick     Trackball     Light pen     Touch screen     Digital Camera     Scanner     Digitizer Tablet     Bar Code Reader     OMR     OCR     IMCR     ATM की-बोर्ड (Keyboard) की-बोर्ड कंप्यूटर का एक पेरिफेरल है जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता हैं| की-बोर्ड को टेक्स्ट तथा कैरेक्टर इनपुट करने के ल