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फेसबुक पर जन्मदिन, लाइव वीडियो और दूसरी नोटिफिकेशन ऐसे करें बंद

फेसबुक पर जन्मदिन, लाइव वीडियो और दूसरी नोटिफिकेशन ऐसे करें बंद      फेसबुक नोटिफकेशन कभी-कभी परेशान कर देती हैं     इन्हें डिसेबल करना आसान है     फेसबुक के सेटिंग मेन्यू में जाकर इन्हें डिसेबल कर सकते हैं     फेसबुक एस ऐसी जगह है जहां कई सारी नोटिफिकेशन मिलती हैं। हालांकि, इन पुश नोटिफिकेशन को स्मार्टफोन पर आसानी से डिसेबल किया जा सकता है। अगर आपको ख़ासतौर पर फेसबुक से परेशानी हो रही है तो इन स्टेप को अपनाएं। फोन पर अगर आप अपने आईफोन या आईपैड पर फेसबुक ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो परेशान करने वाली फेसबुक नोटिफिकेशन को इस तरह रोकें।     फेसबुक ऐप खोलें     दांयीं तरफ नीचे दिए गए 'मोर' बटन पर टैप करें     सेटिंग पर टैप करें और अकाउंट सेटिंग में जाएं।    नोटिफिकेशन पर टैप करें। यहां पर आप बर्थडे रिमाइंडर और लाइव वीडियो जैसी नोटिफिकेशन से   छुटकारा पा सकते हैं।        एंड्रॉयड पर फेसबुक ऐप पर नोटिफिकेशन को डिसेबल करने के लिए इन स्टेप को अपनाएं     फेसबुक ऐप खोलें     सबसे ऊपर दिख रहीं तीन हॉरिज़ॉन्टल लाइन पर टैप करें     अकाउंट सेटिंग पर टैप करे

ऐंड्रॉयड फोन या टैब से ऐसे हटाएं वायरस

ऐंड्रॉयड फोन या टैब से ऐसे हटाएं वायरस अगर आपके स्मार्टफोन में भी कोई वाइरस आ गया है तो आगे जानें, कैसे उसे पहचाना जा सकता है और कैसे हटाया जा सकता है... आमतौर पर ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन वाइरस की चपेट में नहीं आते। कुछ ऐसे ऐड्स होते हैं, जो आपको गलत जानकारी देते हुए दिखाते हैं कि आपके फोन में वाइरस है और इसे ठीक करने के लिए हमारा ऐप डाउनलोड कर लीजिए। इसके अलावा कई बार फोन में अन्य तरह की गड़बड़ियां भी आ जाती हैं, जिससे वह ठीक से काम नहीं करता। मगर इसका मतलब यह नहीं कि ऐंड्रॉयड फोन एकदम सेफ होते हैं। इनमें भी वाइरस आ सकते हैं। हर कहीं से ऐप न डाउनलोड करें वाइरस कैसा भी हो, ऐंड्रॉयड में वह ऐप्स की मदद से घुसपैठ करता है। आपके फोन या टैब में वाइरस हो तो सबसे पहले ऐप्स चेक करें। गूगल प्ले स्टोर से बाहर का कोई भी ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहिए। मेसेज वगैरह से आए किसी लिंक से भी ऐप डाउनलोड न करें। हाल ही में गूगल प्ले स्टोर में भी कुछ खतरनाक ऐप्स की जानकारी मिली है। इसलिए ध्यान दें कि कहीं से भी ऐप डाउनलोड करना हो, पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लें। अगर कोई ऐप खोलने पर फोन हैंग हो

जियो के आने से मोबाइल फ़ोन के बाजार में भूचाल

जियो के आने से मोबाइल फ़ोन के बाजार में भूचाल-सा आ गया है. मुफ्त ऑफर देने के बाद जियो को 10 करोड़ ग्राहक मिलने में बस कुछ ही महीने लगे. अब जियो लोगों से पैसे देने को कह रहा है. लेकिन जो बदलाव कुछ महीने में जियो के कारण हुआ है उससे कोई भी कंपनी या ग्राहक अछूते नहीं रहे हैं. आइए जियो के कारण आए पांच बड़े बदलावों के बारे में आपको बताते हैं. सस्ता डेटा मोबाइल सर्विस इस्तेमाल करने वालों के लिए डेटा अब बहुत ही सस्ता हो गया है. जियो के आने के पहले एक गीगाबाइट डेटा के 28 दिन के इस्तेमाल के लिए कंपनियां करीब 250 रुपये ग्राहकों से लेती थीं. मुफ्त डेटा देकर जिओ ने सबसे पहले लोगों को अपनी ओर खींचा और अब उन्हें 303 रुपए में वो सब कुछ मिलेगा जो लोगों को चाहिए. देश के किसी भी नेटवर्क पर कॉल फ्री होगा और डेटा के इस्तेमाल पर कोई सीमा नहीं होगी. ये ऑफर एक साल के लिए मान्य होगा. डेटा, वॉइस में फर्क नहीं दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के वॉइस कॉल के लिए पैसे लेने वाले प्लान अब ख़त्म हो सकते हैं. जियो ने कॉल और डेटा दोनों के लिए एक प्लान पेश करके पूरे टेलीकॉम सेक्टर के लिए नया मॉडल दिया है. दुनिया भर में टेलीक

बॉट नए ऐप होंगे - वेब रोबोट

बॉट नए ऐप होंगे - वेब रोबोट माइक्रोसाफ़्ट के सीइओ सत्या नाडेला ने क़रीब एक साल पहले दावा किया था कि बॉट नए ऐप होंगे. बॉट इंटरनेट पर दिए गए काम को करने वाले ऐप होते हैं. इन्हें वेब रोबोट भी कहा जाता है. इन बॉट में से अधिकांश प्रभावी हैं, बेकार या निष्क्रिय हैं. लेकिन इस हफ़्ते कनाडा के विक्टोरिया निवासी 14 साल के एलक जोंस ने सबकी आशाओं को जगा दिया है. पिछले छह महीने से जोंस क्रिस्टोफ़र बॉट पर काम कर रहा है. यह एक ऐसा चैट बॉट है, जो छात्रों को उनके साप्ताहिक होमवर्क को खोजने में मदद करता है. इसको सेट करने के लिए आपको बॉट के साथ केवल अपने स्कूल की टाइमिंग सेट करनी होगी. इसके बाद हर अध्याय के ख़त्म होने के बाद बॉट छात्रों को संदेश भेजकर पूछता है कि उन्हें होमवर्क मिला या नहीं. इस बॉट के काम करने का तरीका जानने के लिए मैंने 30 साल की आयु में ख़ुद को बच्चे की तरह पेश किया. बॉट ने मुझसे पूछा, क्या आपके पास गणित का होमवर्क है. मैंने जवाब दिया, हां. मुझे क्या होमवर्क मिला है, यह पूछने से पहले बॉट ने कहा, '' आपको होमवर्क देकर आपके शिक्षक को आराम की ज़रूरत है.'' मेरा जवाब थ

अगर एक दिन इंटरनेट बंद हो जाए तो!

इंटरनेट से दूर रहने का जीवन पर क्या असर होगा, इसके बारे में अमरीका के स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के जेफ़ हैनकॉक ने अपने छात्रों के अनुभव जानने की कोशिश की है. 2008 के पहले उनका जो अनुभव रहा वो एक साल बाद 2009 में पूरी तरह बदल गया. 2009 में पूरी क्लास ने उनके इस सवाल का जवाब एक सुर में बताने से मना कर दिया और कहा कि ये अनुचित और असंभव टास्क है. हैनकॉक ऑनलाइन कम्युनिकेशन से जुड़े मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रक्रिया का अध्ययन करते हैं. छात्रों का तर्क था कि अगर वे ऑफलाइन हो जाएं तो उनके काम पर बुरा असर पड़ता है, सोशल लाइफ प्रभावित होती है और दोस्तों और परिवार को चिंता होती है कि कहीं उनके साथ कुछ अशुभ तो नहीं घटा. हैनकॉक कहते हैं, ''अध्ययन का समय 2009 था. आज मोबाइल जिस पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है, मुझे लगता है कि आज ऐसा पूछने पर छात्र यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट को मेरी शिकायत कर सकते हैं.'' ऑनलाइन आबादी 1995 में एक प्रतिशत से भी कम लोग ऑनलाइन थे. पश्चिमी देशों में इसका अधिक प्रयोग होता था. तब इंटरनेट को लेकर लोगों में एक उत्सुकता थी. आज 20 साल बाद साढ़े तीन अरब से