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फेसबुक पर जन्मदिन, लाइव वीडियो और दूसरी नोटिफिकेशन ऐसे करें बंद

फेसबुक पर जन्मदिन, लाइव वीडियो और दूसरी नोटिफिकेशन ऐसे करें बंद      फेसबुक नोटिफकेशन कभी-कभी परेशान कर देती हैं     इन्हें डिसेबल करना आसान है     फेसबुक के सेटिंग मेन्यू में जाकर इन्हें डिसेबल कर सकते हैं     फेसबुक एस ऐसी जगह है जहां कई सारी नोटिफिकेशन मिलती हैं। हालांकि, इन पुश नोटिफिकेशन को स्मार्टफोन पर आसानी से डिसेबल किया जा सकता है। अगर आपको ख़ासतौर पर फेसबुक से परेशानी हो रही है तो इन स्टेप को अपनाएं। फोन पर अगर आप अपने आईफोन या आईपैड पर फेसबुक ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो परेशान करने वाली फेसबुक नोटिफिकेशन को इस तरह रोकें।     फेसबुक ऐप खोलें     दांयीं तरफ नीचे दिए गए 'मोर' बटन पर टैप करें     सेटिंग पर टैप करें और अकाउंट सेटिंग में जाएं।    नोटिफिकेशन पर टैप करें। यहां पर आप बर्थडे रिमाइंडर और लाइव वीडियो जैसी नोटिफिकेशन से   छुटकारा पा सकते हैं।        एंड्रॉयड पर फेसबुक ऐप पर नोटिफिकेशन को डिसेबल करने के लिए इन स्टेप को अपनाएं     फेसबुक ऐप खोलें     सबसे ऊपर दिख रहीं तीन हॉरिज़ॉन्टल लाइन पर टैप करें     अकाउंट सेटिंग पर टैप करे

Prisma एक ऐसा ऐप है जो आपकी तस्वीरों को पेंटिंग में बदल देता है...

Prisma एक ऐसा ऐप है जो आपकी तस्वीरों को पेंटिंग में बदल देता है... यह रेगुलर पिक्सल्स को मास्टरफुल ब्रश स्ट्रोक्स में बदल देता है. स्मार्टफ़ोन आज हर किसी की जरुरत बना गया है, लोग अपने स्मार्टफ़ोन के जरिये अपने दोस्तों से हर समय कनेक्ट रहते हैं.  स्मार्टफ़ोन में कैमरे के होने की वजह से भी लोग अपनी नई-नई तस्वीरें लेते हैं और फटाफट इन तस्वीरों को सोशल साइट्स पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर देते हैं.  लोगों के लिए तस्वीरें काफी अहम हो गई हैं और अब लोग कोई भी नई चीज़ करते हैं या किसी नई जगह जाते हैं तो वह अपनी इस गतिविधि को फटाफट सोशल साइट्स पर शेयर कर देते हैं.  अब तस्वीर सबकुछ बता देती है, तस्वीर से बड़ा कोई प्रमाण नहीं होता है, ऐसा भी हम लोग मानते हैं. अब बाज़ार में एक नया ऐप आया है जो लोगों की नार्मल तस्वीरों को पेंटिंग में बदल देता है और ये काम बहुत ही कम समय में हो जाता है. इन दिनों लोगों में Prisma ऐप बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है, Prisma एक ऐसा ऐप है जो आपकी तस्वीरों को पेंटिंग में बदल देता है. लोग Prisma के जरिये अपनी तस्वीरों को पेंटिंग्स में बदल रहे हैं और फिर

ऐसे इस्तेमाल करें WhatsApp का नया Status फीचर

24 फरवरी को वॉट्सऐप का ऑफिशल बर्थडे होता है। इस बार वॉट्सऐप 8 साल का हो गया है। इस मौके पर उसने यूजर्स के लिए एक खास फीचर लेकर आया है जो बहुत हद तक इंस्टाग्राम स्टोरीज़ से मेल खाता है। अब यूजर्स वॉट्सऐप पर स्टेटस में फोटो, विडियो और GIF को डाला जा सकता है। विस्तार से समझें कि क्या है यह फीचर और कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं इसे... Status टैब के अंदर सबसे ऊपर आपको My Status लिखा हुआ मिलेगा, उससे नीचे WhatsApp का आइकॉन बना है और नीचे दोस्तों के नाम होंगे। सबसे नीचे दाहिने कॉर्नर पर आपको एक आइकॉन बना दिखेगा। इसपर टैप करें। जैसे ही आप इसे टैप करेंगे नई स्क्रीन पर कैमरा ओपन हो जाएगा। आप कैमरे से तस्वीर या विडियो खींच सकते हैं। साथ ही कैमरा आइकॉन के ऊपर गैलरी से कुछ रीसेंट तस्वीरें और विडियोज़ भी आपको नजर आएंगे। आप या तो कैमरे से कोई तस्वीर या विडियो ले सकते हैं या फिर गैलरी से किसी को चुन सकते हैं। तस्वीर को चुन लिए जाने के बाद आपको कैप्शन ऐड करने का ऑप्शन दिखेगा।  इसके बाद आप सामने दिख रहे Arrow पर टैप करें। इसके बाद फिर स्टेटस वाला टैब खुल जाएगा, जहां पर सबसे ऊपर आ

ऐंड्रॉयड फोन या टैब से ऐसे हटाएं वायरस

ऐंड्रॉयड फोन या टैब से ऐसे हटाएं वायरस अगर आपके स्मार्टफोन में भी कोई वाइरस आ गया है तो आगे जानें, कैसे उसे पहचाना जा सकता है और कैसे हटाया जा सकता है... आमतौर पर ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन वाइरस की चपेट में नहीं आते। कुछ ऐसे ऐड्स होते हैं, जो आपको गलत जानकारी देते हुए दिखाते हैं कि आपके फोन में वाइरस है और इसे ठीक करने के लिए हमारा ऐप डाउनलोड कर लीजिए। इसके अलावा कई बार फोन में अन्य तरह की गड़बड़ियां भी आ जाती हैं, जिससे वह ठीक से काम नहीं करता। मगर इसका मतलब यह नहीं कि ऐंड्रॉयड फोन एकदम सेफ होते हैं। इनमें भी वाइरस आ सकते हैं। हर कहीं से ऐप न डाउनलोड करें वाइरस कैसा भी हो, ऐंड्रॉयड में वह ऐप्स की मदद से घुसपैठ करता है। आपके फोन या टैब में वाइरस हो तो सबसे पहले ऐप्स चेक करें। गूगल प्ले स्टोर से बाहर का कोई भी ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहिए। मेसेज वगैरह से आए किसी लिंक से भी ऐप डाउनलोड न करें। हाल ही में गूगल प्ले स्टोर में भी कुछ खतरनाक ऐप्स की जानकारी मिली है। इसलिए ध्यान दें कि कहीं से भी ऐप डाउनलोड करना हो, पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लें। अगर कोई ऐप खोलने पर फोन हैंग हो

व्हाट्सऐप की सिक्योरिटी

टू-स्टेप वेरिफिकेशन फ़ीचर को कई महीनों तक टेस्ट करने के बाद व्हाट्सऐप ने जानकारी दी है कि इस फ़ीचर को एंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज प्लेटफॉर्म के सभी यूज़र के लिए रोल आउट किया जा रहा है। टू-स्टेप वेरिफिकेशन फ़ीचर के बाद यूज़र जब भी व्हाट्सऐप पर अपने फोन नंबर को रजिस्टर करते हैं तो 6 आंकड़ों वाले पासकोड की ज़रूरत पड़ेगी, जो इस फ़ीचर की मदद से बनेगा। । या फिर ऐप के ज़रिए कभी भी फोन नंबर को वैरिफाई करने की ज़रूरत हो। फ़ीचर को एंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज प्लेटफॉर्म के लिए किया गया रोलआउट अब यूज़र को 6 आंकड़ों वाले पासकोड की ज़रूरत पड़ेगी फ़ीचर को इस्तेमाल करने के लिए यूज़र को व्हाइसऐप के सेटिंग्स में जाना होगा इस वैकल्पिक सिक्योरिटी फ़ीचर को इस्तेमाल करने के लिए यूज़र को व्हाइसऐप के सेटिंग्स में जाना होगा। इसके बाद अकाउंट मे। फिर टू-स्टेप वेरिफिकेशन को इनेबल करना होगा। यह जानकारी कंपनी ने दी है। इस फ़ीचर को एक्टिव करने के बाद यूज़र को पासकोड बनाना होगा। और साथ में ईमेल एड्रेस भी देना होगा। पासकोड भूल जाने की स्थिति में रिकवरी के लिए ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल होगा। कंपनी ने इस फ़ी

क्या है प्रोसेसर - मोबाइल के लिए

मोबाइल फोन ही नहीं, अब उनके खरीदार भी स्मार्ट हो रहे हैं। फोन अब बस कैमरा, ऑपरेटिंग सिस्टम या स्क्रीन साइज देखकर नहीं खरीदा जाता, माइक्रोप्रोसेसर कैसा है, कितने कोर का है, उसकी क्या स्पीड है, जैसे सवाल भी लोग पूछने लगे हैं। हम आपको बता रहे हैं प्रोसेसर के बारे में: मोबाइल के लिए क्या है प्रोसेसर फर्ज कीजिए कि मोबाइल फोन अगर इंसान होता, तो प्रोसेसर उसका दिमाग होता। अपने स्मार्टफोन पर आप जो भी कमांड देते हैं, प्रोसेसर उन पर अमल करता है। प्रोसेसर जितना तेज होगा, उतनी तेज ही मल्टिटास्किंग, गेमिंग, फोटो और विडियो एडिट होंगे। इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट यानी सीपीयू कहते हैं, जो एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है। इनकी परफॉरमेंस को क्लॉक रेट की रफ्तार से नापा जाता है, यानी कोई परफॉरमेंस प्रति सेंकड के साइकल से की गई, ये हर्त्ज, किलोहर्त्ज, मेगाहर्त्ज और गीगाहर्त्ज के स्केल पर नापे जाते हैं। आमतौर पर 1 गीगाहर्त्ज से लेकर 2.4 गीगाहर्त्ज तक के प्रोसेसर मोबाइल फोन में मिल रहे हैं। कोर की कहानी आईफोन 4 तक हम सिंगल कोर प्रोसेसर ही देखते थे, यानी जिनमें एक ही प्रोसेसर कोर यूनिट होती थी। इनक

रैम और बैटरी बैकअप

आए दिन स्‍मार्टफोन मार्केट में बडे बदलाव देखने को मिल रहे है | समय के साथ ही स्‍मार्टफोन के लुक और डिजाइन समेत स्‍पेसिफिकेशन भी बदल रहे है | ऐसे मे आजकल प्रत्‍येक व्‍यक्ति स्‍मार्टफोन खरीदने से उसका बैटरी बैकअप, प्रोसेसर और रैम देखते है | यही वो चीजें है जो स्‍मार्टफोन को पावरफुल बनाते है | किसी भी स्‍मार्टफोन में रैम जितनी ज्‍यादा पावरफुल होगी वो उतना ही फास्‍ट चलेगा और हैंग होने की समस्‍या नही आएगी | रैम (RAM) अक्सर अस्थिर या वोलाटाइल प्रकार की मेमोरी (जैसे डीरैम (DRAM) मेमोरी मॉड्यूल) से संबंधित होता है जहां बिजली का संचालन बंद हो जाने पर सूचना खो जाती है। अधिकतर रोम (ROM) और नोर-फ़्लैश (NOR-Flash) कहे जाने वाले एक प्रकार के फ़्लैश मेमोरी सहित कई अन्य प्रकार की मेमोरी रैम (RAM) भी है। RAM दो प्रकार की होती है। static RAM aur daynemic RAM होती है। RAM और ROM में क्या है अंतर कंप्यूटर और मोबाइल में मुख्यत: दो तरह के मैमोरी का उपयोग होता है। रैम मैमोरी और रोम मैमोरी। आम उपभोक्ता के लिए यह समझना थोड़ा कठिन होता है कि इनमें अंतर क्या है? वहीं फोन और कंप्यूटर की खरीदारी के दौरा

क्या आपका मोबाइल हैंग हो रहा है

बीतते वक्त के साथ स्मार्टफोन के हार्डवेयर की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, पर इसकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल तब तक नहीं हो सकता जब तक फोन में बेहतरीन सॉफ्टवेयर ना हो। पर्सनल टेक्नोलॉजी की यही कमी है, फास्ट यूजर एक्सपीरियंस के लिए हॉर्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच ऑप्टिमाइजेशन होना जरूरी है। इस तरह के ऑप्टिमाइजेशन का असर सबसे ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स को देखने को मिलता है, जो आज की तारीख में स्मार्टफोन के स्लो या हैंग होने से नाराज और परेशान रहते हैं। Android स्मार्टफोन्स के धीमे होने की कई वजहें होती हैं। शुरुआती कुछ महीनों में तो फोन ठीक-ठाक चलता है, पर धीरे-धीरे यह स्लो होने लगते है। इसका एहसास यूजर को होने भी लगता है। जो भी यूजर्स अपने Android स्मार्टफोन्स के स्लो होने से परेशान हैं, वो नीचे दिए गए टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। 1. थर्ड-पार्टी ऐप लॉन्चर इंस्टॉल करें ज्यादातर Android स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां अपने डिवाइस पर ऑपरेटिंग सिस्टम को कस्टमाइज कर लेती हैं। इन फोन में कंपनी द्वारा डिजाइन किए हुए स्किन्स व लॉन्चर इस्तेमाल होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के फीचर्स

4G के बारे मे जानकारी

  हैलो दोस्‍तो, आज हम 4G के बारे मे चर्चा करने जा रहे है | देखते ही देखते कब हम वायरलेस इंटरनेट फैसीलीटी इस्‍तेमाल करने लगे पता ही नही चला | कहा जाता है our nature is our future और शायद इसी कारणवश हमारा स्‍वभाव मोबाईल डिवाइस की तरह हो गया बिल्‍कुल एक उँगली पे थम गया है | इसकी क्‍या वजह है टेक्‍नॉलॉजी का अॅट्रक्‍शन या फिर मार्केटींग की जरुरत खैर इस बारे में बाद में भी चर्चा हो सकती है आज देखते है यह 4G क्‍या है | 4G यानी 4th जेनरेशन मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी. 3G के मुकाबले 4 गुना तेज होगा 4G. अभी 3G में 21mbps की स्पीड मिलती है 4G में 100mbps की स्पीड मिलेगी. 3G पर जिस गाने को डाउनलोड करने में आपको अगर 8 सेकंड लगते हैं तो 4G में यही गाना 2 सेकंड से भी कम में डाउनलोड हो जाएगा. आप साधारण इंटरनेट पर जो वीडियो देखते हैं वो काफी रूक रूक कर  चलता  है. पर 4G में यही वीडियो,फिल्में या टीवी के शो बिना किसी रूकावट के देख सकते हैं. 4G इंटरनेट पर किसी भी वेबसाइट लोड होने में चंद सेकंड  ही लगेंगे. 4G सर्विसा का इस्तेमाल कर मोबाइल पर स्काईप और हैंगआउट के जरिए वीडियो कॉल आसानी से बिना