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इनपुट, आऊटपुट और सीपीयु

Input Device:- Input Device वे Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं| Computer में कई Input Device होते है ये Devices Computer के मस्तिष्क को निर्देशित करती है की वह क्या करे? Input Device कई रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशिष्ट उद्देश्य है टाइपिंग के लिये हमारे पास Keyboard होते है, जो हमारे निर्देशों को Type करते हैं| “Input Device वे Device है जो हमारे निर्देशों या आदेशों को Computer के मष्तिष्क, सी.पी.यू. (C.P.U.) तक पहुचाते हैं|” Input Device कई प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है –     Keyboard     Mouse     Joystick     Trackball     Light pen     Touch screen     Digital Camera     Scanner     Digitizer Tablet     Bar Code Reader     OMR     OCR     MICR     ATM etc.  Output Device:- Output Device वे Device होते है जो User द्वारा इनपुट किये गए डाटा को Result के रूप में प्रदान करते हैं | Output Device के द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामो (Result) को प्राप्त किया जाता है इ

कंप्यूटर के प्रकार

(कंप्यूटर के प्रकार) Computer को तीन आधारों पर वर्गीकृत किया गया हैं|     कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)     उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)     आकार के आधार पर (Based on Size) Based on Mechanism:-  कार्यप्रणाली के आधार पर इन्हें तीन भागो Analog, Digital, and Hybrid में वर्गीकृत किया गया हैं|  Analog Computer:-  Analog Computer वे Computer होते है जो भौतिक मात्राओ, जैसे- दाब (Pressure), तापमान (Tempressure), लम्बाई (Length), ऊचाई (Height) आदि को मापकर उनके परिमाप अंको में व्यक्त करते है ये Computer किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते है जैसे- थर्मामीटर | Analog Computer मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रयोग किये जाते है क्योकि इन क्षेत्रो में मात्राओ का अधिक उपयोग होता हैं| उदाहरणार्थ, एक पट्रोल पम्प में लगा Analog Computer, पम्प से निकले पट्रोल कि मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य कि गणना करके Screen पर दिखाता हैं| Digital Computer:- Digit का अर्थ होता है अंक | अर्थात Digital Compu

कंप्यूटर का विकास

Development of Computer (कंप्यूटर का विकास)  Abacus:- Computer का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है| जब चीन में  एक calculation Machine Abacus का अविष्कार हुआ था यह एक Mechanical Device है जो आज भी चीन, जापान सहित एशिया के अनेक देशो में अंको की गणना के लिए  काम आती थी| Abacus तारों का एक फ्रेम होता हैं  इन तारो में बीड (पकी हुई मिट्टी के गोले) पिरोये रहते हैं प्रारंभ में Abacus को व्यापारी Calculation करने के काम में Use किया करते थे यह Machine अंको को जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग देने के काम आती हैं| Blase Pascal:- शताब्दियों के बाद अनेक अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए विकसित की गई । 17 वी शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Baize Pascal) ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र (Mechanical Digital Calculator) सन् 1645 में विकसित किया गया । इस मशीन को एंडिंग मशीन (Adding Machine) कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या घटाव कर सकती थी । यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करती थी ।  उसमें कई दाँतेयुक्त चकरियाँ (toothed wheels) लगी होती थी जो घूमती रहती थी चक

मेमोरी किसे कहते है

Memory (मेमोरी) यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है| मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory)  होती हैं| यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं| “किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं|” कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक (Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है  प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temprery Memory) डेटा को अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर को प्रारं

कम्प्यूटर के विभिन्न भाग

कम्प्यूटर के विभिन्न भाग कम्प्यूटर के मुख्यत: दो हिस्से होते हैं. 1. हार्डवेयर (Hardware) 2. सॉफ्टवेयर (Software) हार्डवेयर :  कम्प्यूटर के भौतिक हिस्से जिन्हे हम देख या छू सकते हैं वो हार्डवेयर कहलाते हैं. ये भाग मशीनी (मैकेनिकल),इलेक्ट्रीकल (electrical) या इलेक्ट्रोनिक (electronic) हो सकते हैं. हर कम्प्यूटर का हार्डवेयर अलग अलग हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि कम्प्यूटर किस उद्देश्य के लिये प्रयोग में लाया जा रहा है और व्यक्ति की आवश्यकता क्या है. एक कम्प्यूटर में विभिन्न तरह के हार्डवेयर होते है जिनमें मुख्य हैं.सी.पी.यू. (CPU), हार्ड डिस्क (Hard Disk) , रैम (RAM), प्रोसेसर (Processor) , मॉनीटर (Monitor) , मदर बोर्ड (Mother Board) ,फ्लॉपी ड्राइव आदि. इनकी हम विस्तार से चर्चा आगे करेंगें. कम्प्यूटर के केबल, पावर सप्लाई युनिट,की बोर्ड (Keyboard) , माउस (Mouse) आदि भी हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं. की बोर्ड , माउस , मॉनीटर , माइक्रोफोन , प्रिंटर आदि को कभी कभी पेरिफेरल्स (Peripherals) भी कहा जाता है. सॉफ्टवेयर :  कम्प्यूटर हमारी तरह हिन्दी या अंग्रेजी भाषा नहीं समझता.हम कम

कंप्यूटर हार्डवेयर किसे कहते है

एक कंप्यूटर दो तत्वों से बना होता है – हार्डवेयर और सॉफ्टवेर. हार्डवेयर कंप्यूटर का वो हिस्सा होता है जिसे आप छू सको, जिसे आप महसूस कर सको और जो कंप्यूटर को आकर देता है. ये एक तरह से कंप्यूटर का शरीर होता है. जबकि कंप्यूटर सॉफ्टवेर कंप्यूटर का वो हिस्सा है जिसे आप छू नही सकते. सॉफ्टवेर कंप्यूटर में एक जानकारियों का ऐसा समूह होता है जिससे आपका कंप्यूटर आपके द्वारा दिए गये कार्यो को करता है. अपने काम को करने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेर बहुत से कोड का इस्तेमाल करता है साथ ही इन्हें कंप्यूटर में काम करने के लिए कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में ही इनस्टॉल करना पड़ता है. इसे आप कंप्यूटर की आत्मा कह सकते हो. कंप्यूटर को काम करने के लिए इन दोनों तत्वों की आवश्कता होती है तभी वो कंप्यूटर कहलाता है. कंप्यूटर हार्डवेयर आपके कंप्यूटर को काम करने की क्षमता देता है. जैसेकि कंप्यूटर हार्डवेयर का हिस्सा CPU सभी जानकारियों को प्रोसेस करता है, जिन्हें फिर कंप्यूटर RAM या फिर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में सेव किया जाता है. एक कंप्यूटर तभी आवाज़ देता है जब उसमे स्पीकर लगे हो. साथ ही वौइस् कार्ड आपको इमेज दिखने

कम्प्यूटर क्या होता है

आज कम्प्यूटर (computer) हम सब की एक प्रमुख आवश्यकता बन गई है। विद्यालयों में कम्प्यूटर के विषय में सिखाया जा रहा है। कार्यालयों में कम्प्यूटर के बिना काम हो पाना असम्भव-सा हो गया है। टायपिंग करना हो, सारणी बनाना हो, छायाचित्र का संपादन करना हो, उपलब्ध जानकारियों का विश्लेषण करना हो, काम कैसा भी क्यों न हो, हमें कम्प्यूटर की आवश्यकता होती ही है। विद्यालयों में तो बालक-बालिकायें कम्प्यूटर के विषय में समझ रहे हैं किन्तु जिन्हों ने बहुत पहले ही अपनी शिक्षा समाप्त कर ली है उनमें से बहुत से लोगों को अभी भी कम्प्यूटर के विषय में साधारण जानकारियाँ तक नहीं है। कम्प्यूटर के विषय में इन्हीं ज्ञान को वितरित करना इस वेबसाइट के उद्देश्यों में से एक है। यह बुनियादी कम्प्यूटर शिक्षा (computer tutorial) उनके लिये है जिनका कम्पयूटर के विषय में आधारभूत ज्ञान बहुत कम है या फिर है ही नहीं। इसका उद्देश्य है कम्प्यूटर के प्रभावशाली तथा सुरक्षित रूप से प्रयोग करने में उनकी सहायता करना। इसे पढ़ कर वे आसानी से समझ पायेंगे कि:     कम्प्यूटर क्या होता है।     कम्प्यूटर के घटक (Components of Computers) क