आज कम्प्यूटर (computer) हम सब की एक प्रमुख आवश्यकता बन गई है। विद्यालयों में कम्प्यूटर के विषय में सिखाया जा रहा है। कार्यालयों में कम्प्यूटर के बिना काम हो पाना असम्भव-सा हो गया है। टायपिंग करना हो, सारणी बनाना हो, छायाचित्र का संपादन करना हो, उपलब्ध जानकारियों का विश्लेषण करना हो, काम कैसा भी क्यों न हो, हमें कम्प्यूटर की आवश्यकता होती ही है।
विद्यालयों में तो बालक-बालिकायें कम्प्यूटर के विषय में समझ रहे हैं किन्तु जिन्हों ने बहुत पहले ही अपनी शिक्षा समाप्त कर ली है उनमें से बहुत से लोगों को अभी भी कम्प्यूटर के विषय में साधारण जानकारियाँ तक नहीं है। कम्प्यूटर के विषय में इन्हीं ज्ञान को वितरित करना इस वेबसाइट के उद्देश्यों में से एक है।
यह बुनियादी कम्प्यूटर शिक्षा (computer tutorial) उनके लिये है जिनका कम्पयूटर के विषय में आधारभूत ज्ञान बहुत कम है या फिर है ही नहीं। इसका उद्देश्य है कम्प्यूटर के प्रभावशाली तथा सुरक्षित रूप से प्रयोग करने में उनकी सहायता करना। इसे पढ़ कर वे आसानी से समझ पायेंगे कि:
कम्प्यूटर क्या होता है।
कम्प्यूटर के घटक (Components of Computers) कौन से हैं।
तथा और भी अन्य जानकारियाँ।
सबसे पहले हम यह जान लें कि सैन्य (military) तथा वैज्ञानिक गणनाओं के लिये 1940 के दशक में कम्प्यूटर का निर्माण किया गया। अनेक वर्षों वर्षों तक कम्प्यूटर का स्वरूप बड़े भवन के बराबर विशाल रहा। आज का डेस्क टॉप (desktop) या पर्सनल कम्प्यूटर – पी.सी. (personal computer – P.C.) केवल 15 वर्ष पुराना है।
कम्प्यूटर क्या होता है
सारांश में उपलब्ध जानकारियों को छाँटने, क्रियान्वित करने तथा सुरक्षित रखने के इलेक्ट्रानिक विधि को ही कम्प्यूटर कहा जाता है। (Computers are essentially an electronic way to sort, process and store information.)
कम्प्यूटर के मुख्य रूप से चार घटक (components) हैं -
हार्डवेयर (Hardware)
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
एप्लीकेशन प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर (Application Programs or Software)
यूजर्स (Users)
हार्डवेयर (Hardware): कम्प्यूटर के वे घटक होते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। हार्डवेयर के अन्तर्गत
विद्यालयों में तो बालक-बालिकायें कम्प्यूटर के विषय में समझ रहे हैं किन्तु जिन्हों ने बहुत पहले ही अपनी शिक्षा समाप्त कर ली है उनमें से बहुत से लोगों को अभी भी कम्प्यूटर के विषय में साधारण जानकारियाँ तक नहीं है। कम्प्यूटर के विषय में इन्हीं ज्ञान को वितरित करना इस वेबसाइट के उद्देश्यों में से एक है।
यह बुनियादी कम्प्यूटर शिक्षा (computer tutorial) उनके लिये है जिनका कम्पयूटर के विषय में आधारभूत ज्ञान बहुत कम है या फिर है ही नहीं। इसका उद्देश्य है कम्प्यूटर के प्रभावशाली तथा सुरक्षित रूप से प्रयोग करने में उनकी सहायता करना। इसे पढ़ कर वे आसानी से समझ पायेंगे कि:
कम्प्यूटर क्या होता है।
कम्प्यूटर के घटक (Components of Computers) कौन से हैं।
तथा और भी अन्य जानकारियाँ।
सबसे पहले हम यह जान लें कि सैन्य (military) तथा वैज्ञानिक गणनाओं के लिये 1940 के दशक में कम्प्यूटर का निर्माण किया गया। अनेक वर्षों वर्षों तक कम्प्यूटर का स्वरूप बड़े भवन के बराबर विशाल रहा। आज का डेस्क टॉप (desktop) या पर्सनल कम्प्यूटर – पी.सी. (personal computer – P.C.) केवल 15 वर्ष पुराना है।
कम्प्यूटर क्या होता है
सारांश में उपलब्ध जानकारियों को छाँटने, क्रियान्वित करने तथा सुरक्षित रखने के इलेक्ट्रानिक विधि को ही कम्प्यूटर कहा जाता है। (Computers are essentially an electronic way to sort, process and store information.)
कम्प्यूटर के मुख्य रूप से चार घटक (components) हैं -
हार्डवेयर (Hardware)
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
एप्लीकेशन प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर (Application Programs or Software)
यूजर्स (Users)
हार्डवेयर (Hardware): कम्प्यूटर के वे घटक होते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। हार्डवेयर के अन्तर्गत
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट – सीपीयू (Central Processing Unit – CPU), फ्लॉपी ड्राइव्ह (Floppy Drive), सीडी रोम
ड्राइव्ह (CD ROM Drive), मानीटर (Monitor), कीपैड (Keypad), माउस (Mouse), स्पीकर्स (Speakers) आदि आते हैं।
सॉफ्टवेयर (Software): कम्प्यूटर के उन घटकों को कहा जाता है
जिन्हें हम देख-छू नहीं सकते किन्तु उनकी सहायता से कम्प्यूटर के द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त कर लेते हैं। ये निर्देशों के समुच्चय होते हैं जिनके द्वारा कम्प्यूटर एक या एक से अधिक कार्यों को सम्पन्न करता है। (A set of instructions that cause a computer to perform one or more tasks)
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस जैसे-मैमोरी, प्रोसेसर तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस को व्यवस्थित करने के लिये बनाये गये सॉफ्टवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है। विस्तृत जानकारी के लिये देखें सॉफ्टवेयर (Software)
एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Programs): उन सॉफ्टवेयरस् को एप्लीकेशन प्रोग्राम कहा जाता है जिनकी सहायता से हम कम्प्यूटर को दिये गये किसी निश्चित आदेश का पालन करवाते हैं, उदाहरण के तौर पर वर्ड प्रोसेसर्स (Word Processers) जैसे कि एमएस आफिस (MS Office), एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स (Accounting
Softwares) जैसे कि टैली (Tally) आदि।
यूजर्स (Users): कम्प्यूटर को प्रयोग करने वाले यूजर्स कहलाते हैं।
आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है।
ड्राइव्ह (CD ROM Drive), मानीटर (Monitor), कीपैड (Keypad), माउस (Mouse), स्पीकर्स (Speakers) आदि आते हैं।
सॉफ्टवेयर (Software): कम्प्यूटर के उन घटकों को कहा जाता है
जिन्हें हम देख-छू नहीं सकते किन्तु उनकी सहायता से कम्प्यूटर के द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त कर लेते हैं। ये निर्देशों के समुच्चय होते हैं जिनके द्वारा कम्प्यूटर एक या एक से अधिक कार्यों को सम्पन्न करता है। (A set of instructions that cause a computer to perform one or more tasks)
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस जैसे-मैमोरी, प्रोसेसर तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस को व्यवस्थित करने के लिये बनाये गये सॉफ्टवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है। विस्तृत जानकारी के लिये देखें सॉफ्टवेयर (Software)
एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Programs): उन सॉफ्टवेयरस् को एप्लीकेशन प्रोग्राम कहा जाता है जिनकी सहायता से हम कम्प्यूटर को दिये गये किसी निश्चित आदेश का पालन करवाते हैं, उदाहरण के तौर पर वर्ड प्रोसेसर्स (Word Processers) जैसे कि एमएस आफिस (MS Office), एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स (Accounting
Softwares) जैसे कि टैली (Tally) आदि।
यूजर्स (Users): कम्प्यूटर को प्रयोग करने वाले यूजर्स कहलाते हैं।
आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें