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रैम और बैटरी बैकअप

आए दिन स्‍मार्टफोन मार्केट में बडे बदलाव देखने को मिल रहे है | समय के साथ ही स्‍मार्टफोन के लुक और डिजाइन समेत स्‍पेसिफिकेशन भी बदल रहे है | ऐसे मे आजकल प्रत्‍येक व्‍यक्ति स्‍मार्टफोन खरीदने से उसका बैटरी बैकअप, प्रोसेसर और रैम देखते है | यही वो चीजें है जो स्‍मार्टफोन को पावरफुल बनाते है | किसी भी स्‍मार्टफोन में रैम जितनी ज्‍यादा पावरफुल होगी वो उतना ही फास्‍ट चलेगा और हैंग होने की समस्‍या नही आएगी |

रैम (RAM) अक्सर अस्थिर या वोलाटाइल प्रकार की मेमोरी (जैसे डीरैम (DRAM) मेमोरी मॉड्यूल) से संबंधित होता है जहां बिजली का संचालन बंद हो जाने पर सूचना खो जाती है। अधिकतर रोम (ROM) और नोर-फ़्लैश (NOR-Flash) कहे जाने वाले एक प्रकार के फ़्लैश मेमोरी सहित कई अन्य प्रकार की मेमोरी रैम (RAM) भी है। RAM दो प्रकार की होती है। static RAM aur daynemic RAM होती है।


RAM और ROM में क्या है अंतर
कंप्यूटर और मोबाइल में मुख्यत: दो तरह के मैमोरी का उपयोग होता है। रैम मैमोरी और रोम मैमोरी। आम उपभोक्ता के लिए यह समझना थोड़ा कठिन होता है कि इनमें अंतर क्या है? वहीं फोन और कंप्यूटर की खरीदारी के दौरान कौन सी मैमोरी ज्यादा उपयोगी है? तो चलिए हम बताते हैं रैम और रोम मौमोरी के इसी अंतर को।

रैम (RAM) का आशय है रैंडम एक्सेस मैमोरी जबकि रोम (ROM) मैमोरी को रीड ओनली मैमोरी कहा जाता है।

एक्सेसीबिलिटी
रैम का कार्य मुख्य रूप से प्रोसेसर के साथ होता है। यह उन सूचनाओं को स्टोर करता है ​जिसे प्रोसेसर तेजी से एक्सेस कर सके।

प्रोसेसर रोम मैमोरी में उपलब्ध सूचनओं को सीधा एक्सेस नहीं कर सकता। इसके लिए पहले रैम को कमांड देगा। रैम मैमोरी, रोम से सूचना प्राप्त कर प्रोसेसर को एक्जिक्यूट करेगा अर्थात आगे पहुंचाएगा।

रैम मैमोरी सिर्फ टैंपरोरी सूचनाओं को संग्रहित करता है। अर्थात आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो अक्सर कुछ टाइप करते ही वे साभी पुराने साइट्स की जानकारी आ जाती है जिसे आपने पहले ब्राउज किया था। कूकीज, कैशे मैमोरी और हिस्ट्री को क्लियर कर रैम मैमोरी को खाली कर सकते हैं।

रोम मैमोरी में सूचनाएं स्थाई रूप से सुरक्षित होती हैं। इन सूचनाओं को आप डिलीट नहीं कर सकते। इंटरनल मैमोरी से फाइलों को डिलीट कर यह लगता है कि वे नष्ट हो गईं लेकिन ऐसा नहीं है। रोम में उपलब्ध डाटा को मिटाया नहीं जा सकता। इसलिए आपने देखा होगा कि कंप्यूटर या मोबाइल में बैक डेट से डाटा को रिकवर कर लिया जाता है।

कार्य का तरीका
रैम मैमोरी में सूचनओं को आप पढ़ सकतें और वहां नई सूचनाएं लिख भी सकते हैं। वहीं रैम मैमोरी में उपलब्ध सूचनाओं में आप आसानी से बदलाव कर सकते हैं।

रोम मैमोरी में उपलब्ध सूचनाएं सिर्फ पढ़ सकते हैं उसमें बदलाव नहीं कर सकते। नई सूचनाओं को इससे रिप्लेस किया जा सकता है लेकिन हटाया नहीं जा सकता।

स्पीड
रैम मैमोरी किसी फाइल फोल्डर और डाटा एक्सेस को तेज करता है। प्रोसेसर की गति को तेज करने में रैम का योगदान अहम होता है। यदि आप ऐसा फोन लेना चाहते हैं जिसकी प्रोसेसिंग अच्छी हो तो उसमें ताकतवर प्रोसेसर के साथ बेहतर उच्च क्षमता वाला रैम होना भी आवश्यक है।

फोन के स्पीड से रोम मैमोरी का कोई लेना देना नहीं होता है। प्रोसेसिंग स्पीड पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हां बेहतर क्वालिटी की मैमोरी होने पर तेजी से डाटा ट्रांसफर में सहायक होता है।

स्ट्रक्चर
रैम एक चिप होता है जो कंप्यूटर और मोबाइल के बोर्ड पर इंटीग्रेट होता है। जबकि रोम एक आॅप्टिकल ड्राइवर है जो मैगनेटिक टेप से बना होता है।

डाटा संरक्षण
डाटा संरक्षण के लिए रैम मैमोरी को इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता होती है। जबकि रोम मैमोरी में डाटा संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता नहीं होती।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि किसी फोन या कंप्यूटर की खरीदारी में दोनों मैमोरी की उपयोगिता उतनी ही है। जहां ज्यादा रैम मैमोरी से आप बेहतर तरीके से फोन और कंप्यूटर का उपयोग कर सकेंगे। डिवाइस में हैंग होने और धीमा होने की समस्या कम होगी।

वहीं रोम मैमोरी में आप डाटा को स्टोर करते हैं। ऐसे में रोम मैमोरी जितनी ज्यादा होगी आप उतना अधिक डाटा स्टोर कर पाएंगे।

मोबाइल फ़ोन यूजर  की सबसे बड़ी टेंशन यह रहती है की उनकी बैटरी खत्म न हो जाए। इसलिए कुछ लोग अपने साथ चार्जर लेकर घूमते है और कुछ लोग पावरबैंक। आप आसान से तरीके अपनाकर अपने फ़ोन की बैटरी को जल्दी ख़त्म होने से बचा सकते है,

ठंडे तापमान में रखें– 35 डिग्री  या उससे ज्यादा तापमान वाले वातावरण में रहने से स्मार्टफोन की बैटरी जल्द खत्म होने लगती है। इसलिए स्मार्टफोन पर सूरज की सीधी रोशनी नहीं पड़नी चाहिए, फ़ोन को शून्य से नीचे वाले तापमान में रखना चाहिए।

कब और कितना चार्ज करें– फोन को चार्ज करने से पहले उसे पूरा डिस्चार्ज कर लें,जब फोन बैटरी 40 प्रतिशत कैपेसिटी पर आ जाए तो उसे फौरन चार्ज कर लें, जब बैटरी 80 या 100 प्रतिशत तक चार्ज हो जाए तो उसे अनप्लग करें। बैटरी को हमेशा चार्ज किया जाना बिलकुल भी फायदेमंद नहीं है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके कारण आपकी लॉन्ग टर्म में बैटरी की लाइफ कम हो जाएगी।

अल्ट्रा फास्ट चार्जर का इस्तेमाल न करे– अल्ट्रा फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से डिवाइसेज को फास्ट चार्ज किया जा सकता है लेकिन यह चार्जर बैटरी की लॉन्ग लाइफ के लिए ठीक नहीं होते हैं। इसके कारण ज्यादा पॉवर खर्च होगी और इंजन की लाइफ कम हो जाएगी।

सिग्नल को न खोजे– अगर आप ऐसी जगह पर है जहां सिग्नल न आ रहे हो या कम आ रहे हो, तब आप सिग्नल सर्च न करे इससे आपकी बैटरी ज्यादा खर्च होगी। ऐसी जगह पर आप अपना फ़ोन स्विच ऑफ कर ले या फिर फ्लाइट मोड में डाल दे।

वाइब्रेशन फंक्शन को ऑफ रखे– फ़ोन को रिंगटोन में रखे, वाइब्रेशन में रखने से फ़ोन की बैटरी ज्यादा उपयोग होती है।

ब्लूटूथ को बंद रखे– ब्लूटूथ का इस्तेमाल तभी करे जब उसकी आवश्यकता हो, उसके बाद उसे बंद कर ले ब्लूटूथ बहुत जल्दी बैटरी को कम कर देता है।

ब्राइटनेस को कम रखे–  मोबाइल की ब्राइटनेस जितनी कम कर सकते हो उतनी कम कर ले, कम ब्राइटनेस होने से मोबाइल की बैटरी ज्यादा देर चलती है।

3जी मोड का इस्तेमाल न करे– 3जी(3G) मोड के बदले जी एस एम(GSM) मोड का इस्तेमाल करे 3 जी मोड ज्यादा बैटरी खींचता है।

काले रंग का बैकग्राउंड रखे– फ़ोन का बैकग्राउंड काले रंग का रखे, इससे आपके फ़ोन की बैटरी ज्यादा चलेगी।

WIFI, GPS को बंद रखे– WIFI, GPS की जब ज़रूरत हो तब इनका इस्तेमाल करने के बाद इसे बंद कर दे, इसे बंद करने से आपकी बैटरी ज्यादा चलेगी।

बैटरी सेविंग एप्प का इस्तेमाल करें– आज कल बैटरी सेव करने के लिए बहुत सारे एप्प बनाए गए है, जिनको आप डाउनलोड कर सकते है, इन एप्प की मदद से आपकी बैटरी कम खर्च होगी।

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