सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

डिजिलॉकर दिलाएगा हर वक्त ड्राइविंग लाइसेंस साथ रखने से मुक्ति

डिजिलॉकर दिलाएगा हर वक्त ड्राइविंग लाइसेंस साथ रखने से मुक्ति 


डिजिटलाइज़ेशन के दौर में अब ड्राइविंग भी आसान हो जाएगी। जल्द ही आप ड्राइविंग लाइसेंस और अपने वाहन की आरसी को साथ रखे बिना ड्राइविंग कर पाएंगे। बस आपको इन डॉक्यूमेंट को डिजिटल लॉकर में रखना होगा। और जरूरत पड़ने पर आप उन्हें ट्रैफिक पुलिस या किसी भी जांच एजेंसी को दिखाना होगा।

डिजिलॉकर पर इस सेवा की शुरुआत बुधवार से होगी। इसे परिवहन और दूसरसंचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा मिलकर लॉन्च किया जाएगा। डिजिलॉकर ऐप भी बुधवार को ही लॉन्च किया जाना है। इस सेवा की शुरुआत होने के बाद आप अपने डिजिटल लॉकर में रखे ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को मोबाइल से ही दिखा सकते हैं। जांच में ड्राइविंग लाइसेंस या आरसी ना मिलने पर ऐप से ही ऑनलाइन जुर्माना वसूला जाएगा। दस्तावेजों की जांच करने वाले आधिकारी को भी एक ऐप की जरूरत पड़ेगी।

पीएम मोदी ने इसी साल अप्रैल महीने में डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत करते हुए आधिकारिक तौर पर डिजिटल लॉकर सर्विस डिजिलॉकर को लॉन्च किया था। यह एक वेबसाइट है, जहां पर आप अपने सारे सरकारी डॉक्यूमेंट को स्टोर कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड (नंबर) की जरूरत पड़ेगी। वैसे आधिकारिक तौर पर तो यह नहीं कहा गया, पर हमें तो यह सभी सरकारी डॉक्यूमेंट को आधार कार्ड के संरक्षण में लाने की एक कोशिश नजर आती है। नतीजतन आने वाले समय में आधार कार्ड होना और भी जरूरी हो जाएगा।

वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए आधार नंबर डालना होगा। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक एसएमएस आएगा, फिर वन टाइम पासवर्ड डालकर ही आप पहली बार डिजिलॉकर वेबसाइट को एक्सेस कर पाएंगे। वैसे, आप तुरंत ही नया पासवर्ड बना सकते हैं या फिर डिजिलॉकर को अपने गूगल या फेसबुक लॉगइन से लिंक कर सकते हैं।

स्रोत और उद्धरण
आप सभी लोगों का स्नेह प्राप्त करना तथा अपने अर्जित अनुभवों तथा ज्ञान को वितरित करके आप लोगों की सेवा करना ही मेरी उत्कट अभिलाषा है। आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इनपुट, आऊटपुट और सीपीयु

Input Device:- Input Device वे Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं| Computer में कई Input Device होते है ये Devices Computer के मस्तिष्क को निर्देशित करती है की वह क्या करे? Input Device कई रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशिष्ट उद्देश्य है टाइपिंग के लिये हमारे पास Keyboard होते है, जो हमारे निर्देशों को Type करते हैं| “Input Device वे Device है जो हमारे निर्देशों या आदेशों को Computer के मष्तिष्क, सी.पी.यू. (C.P.U.) तक पहुचाते हैं|” Input Device कई प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है –     Keyboard     Mouse     Joystick     Trackball     Light pen     Touch screen     Digital Camera     Scanner     Digitizer Tablet     Bar Code Reader     OMR     OCR     MICR     ATM etc.  Output Device:- Output Device वे Device होते है जो User द्वारा इनपु...

मेमोरी किसे कहते है

Memory (मेमोरी) यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है| मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory)  होती हैं| यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं| “किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं|” कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक (Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है  प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temprery Memory) डेटा को अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर ...

कम्प्यूटर के विभिन्न भाग

कम्प्यूटर के विभिन्न भाग कम्प्यूटर के मुख्यत: दो हिस्से होते हैं. 1. हार्डवेयर (Hardware) 2. सॉफ्टवेयर (Software) हार्डवेयर :  कम्प्यूटर के भौतिक हिस्से जिन्हे हम देख या छू सकते हैं वो हार्डवेयर कहलाते हैं. ये भाग मशीनी (मैकेनिकल),इलेक्ट्रीकल (electrical) या इलेक्ट्रोनिक (electronic) हो सकते हैं. हर कम्प्यूटर का हार्डवेयर अलग अलग हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि कम्प्यूटर किस उद्देश्य के लिये प्रयोग में लाया जा रहा है और व्यक्ति की आवश्यकता क्या है. एक कम्प्यूटर में विभिन्न तरह के हार्डवेयर होते है जिनमें मुख्य हैं.सी.पी.यू. (CPU), हार्ड डिस्क (Hard Disk) , रैम (RAM), प्रोसेसर (Processor) , मॉनीटर (Monitor) , मदर बोर्ड (Mother Board) ,फ्लॉपी ड्राइव आदि. इनकी हम विस्तार से चर्चा आगे करेंगें. कम्प्यूटर के केबल, पावर सप्लाई युनिट,की बोर्ड (Keyboard) , माउस (Mouse) आदि भी हार्डवेयर के अंतर्गत आते हैं. की बोर्ड , माउस , मॉनीटर , माइक्रोफोन , प्रिंटर आदि को कभी कभी पेरिफेरल्स (Peripherals) भी कहा जाता है. सॉफ्टवेयर :  कम्प्यूटर हमारी तरह हिन्दी या अंग्रेजी भाषा नहीं सम...